Rim Jhim Gire Sawan Hindi Lyrics song from film Manzil (1979). This male version is sung by Kishore Kumar. While both the versions are composed by R. D. Burman and lyrics are penned by Yogesh.
फ़िल्म: | मंज़िल |
गीत: | रिमझिम गिरे सावन |
संगीतकार: | आर.डी. बर्मन |
गीतकार: | योगेश |
कलाकार: | किशोर कुमार |
Rim Jhim Gire Sawan Lyrics In Hindi Kishore Kumar
रिमझिम गिरे सावन
सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन…
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल
पहले भी यूँ तो भीगा था आँचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में…
इस बार सावन दहका हुआ है
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पी के चली क्या पवन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में…
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में…
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करें अब क्या जतन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में…
Video Song of Rim Jhim Gire Sawan:
Summary
Song : Rim Jhim Gire Sawan Kishore Kumar
Album : Manzil (1979)
Singer : Kishore Kumar
Musician : R. D. Burman
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